खतरनाक है स्वास्थ्य के लिए सिगरेट पीना
सभी जानते है लेकिन क्या वे ये भी जानते है
खतरनाक है समाज की गाड़ी का उलार हो जाना
सी --सा के एक हिस्से का आसमान ताकना
और दूसरे का धरती मे धँसते जाना
कुछ लोगो की मर्ज़ी के कारण
खतरनाक है बुद्धिजीविओं की चुप्पी
विकलांगों के बहाने धावको की टांगे काटते जाना
देश के दुख कल मे सठियाये नेताओं का अफवाहे फैलाना
स्वार्थी नेताओं का उनके पीछे खड़े हो जाना
खतरनाक है गुंडो का नेता बन जानाऔर
ईमानदार का चोर की मौत मारा जाना
खतरनाक है अपराध की जांच अपराध से नहीं
अपराधी की जाती पद और हैसियत से तय होना
समदरसी होने का ढोंग करते ---करते सत्ता का
बदनीयत होते जाना जनता का चुप्पी साधे रहना
खतरनाक है भीड़ का फतवे देना
और हुक्मरानो का बेबस होते जाना
खतरनाक है हर बार छले जाने के बाद
नई आस का जाग जाना
अपनी दुकान चलाने के लिए
एक धडे को गरियाना और
दूसरे को थपथपाना
दुर्योधन की सेना का बढ़ते जाना
और कृष्ण का अकेले होते जाना
मेरी एक पुरानी कविता की कुछ पंक्तियाँ है जो आज कल का माहौल देख कर शेयर करने का मन हुआ । मुंबई के पाँच आरोपी तीन दिन मे जेल पहुँच गए और बापू राम अभी meditation कर रहे है देश इंतजार कर रहा है मीडिया ट्राइल कर बीजेपी और कांग्रेस पर अपनी अकड़ दिखा रहा टीवी का दर्शक बेवकूफ है क्या उसे मोलभाव समझ मे नहीं आता क्या दोनों पांत मोलभाव कर रहे राजनीतिक पार्टियां भी मीडिया भी वरना 10 दिन मे सिर्फ सम्मन ?
सभी जानते है लेकिन क्या वे ये भी जानते है
खतरनाक है समाज की गाड़ी का उलार हो जाना
सी --सा के एक हिस्से का आसमान ताकना
और दूसरे का धरती मे धँसते जाना
कुछ लोगो की मर्ज़ी के कारण
खतरनाक है बुद्धिजीविओं की चुप्पी
विकलांगों के बहाने धावको की टांगे काटते जाना
देश के दुख कल मे सठियाये नेताओं का अफवाहे फैलाना
स्वार्थी नेताओं का उनके पीछे खड़े हो जाना
खतरनाक है गुंडो का नेता बन जानाऔर
ईमानदार का चोर की मौत मारा जाना
खतरनाक है अपराध की जांच अपराध से नहीं
अपराधी की जाती पद और हैसियत से तय होना
समदरसी होने का ढोंग करते ---करते सत्ता का
बदनीयत होते जाना जनता का चुप्पी साधे रहना
खतरनाक है भीड़ का फतवे देना
और हुक्मरानो का बेबस होते जाना
खतरनाक है हर बार छले जाने के बाद
नई आस का जाग जाना
अपनी दुकान चलाने के लिए
एक धडे को गरियाना और
दूसरे को थपथपाना
दुर्योधन की सेना का बढ़ते जाना
और कृष्ण का अकेले होते जाना
मेरी एक पुरानी कविता की कुछ पंक्तियाँ है जो आज कल का माहौल देख कर शेयर करने का मन हुआ । मुंबई के पाँच आरोपी तीन दिन मे जेल पहुँच गए और बापू राम अभी meditation कर रहे है देश इंतजार कर रहा है मीडिया ट्राइल कर बीजेपी और कांग्रेस पर अपनी अकड़ दिखा रहा टीवी का दर्शक बेवकूफ है क्या उसे मोलभाव समझ मे नहीं आता क्या दोनों पांत मोलभाव कर रहे राजनीतिक पार्टियां भी मीडिया भी वरना 10 दिन मे सिर्फ सम्मन ?
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