Monday, August 19, 2013

अंधेर नगरी चौपट राज

भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने एक नाटक लिखा था  अंधेर नगरी चौपट  राजा जिसका स्लोगन था टके सेर भाजी टके सेर  खाजा 70 रु किलो पेट्रोल 70 रु किलो प्याज । एक बार माननीय प्रधान मंत्री  ने कहा था पैसे पेड़ पर नहीं लगते हैं लेकिन जिस तरह से यहाँ वहाँ पैसे वोट के लिए बनते जा रहे हैं उससे तो लगता है की पतझड़ ज्यादा हो गई है रु दनादन गिर रहें है और सुजान पीएम मुआवजे  बाँट रहे हैं  आखिर अपराधियों को कैसा मुआवजा ?सरकारी काम मे बाधा पहुचाने सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुचाने  वालो पर आपराधिक कारवाई होनी चाहिए की उन्हे मुआवजा  बांटा जाना चाहिए । मुआवजा तो राजरानी एक्सप्रेस के यात्रियों को दिया जाना चाहिए न की उन दंगाइयो को जिनहोने  पहले कानून तोड़ा और रेलवे ट्रेक पर भीड़ लगाई बिना देखे की ट्रेन  आ रही है और आवाज आने पर हटे नहीं ट्रेन की रफ्तार काम क्यों की जाती ? श्र्द्धालुओं को रुकना चाहिए था ट्रेन जाने के बाद टेक पर करना था जब भगवान के दर्शन को घर से निकले थे तो जल्दी क्या थी । यह भीड़ तंत्र का राज बंद होना चाहिए  कहीं भी कभी भी कुछ घाट जाय बस सरकारी पब्लिक सामानो की तोड़ फोड़ शुरू  हो जाती है । हर दिन किसी प्रदेश या जिले से सड़क रोककर आगजनी हिंसा आज कल आम हो गया है । अपनी गलती से श्रधालु कुचले गए येक हादसा था दुखद था उसे हिंसक और राजनीतिक बनाने की क्या जरूरत थी कोई मुआवजा बाटने लगा तो कोई इस्तीफा  आमांगने लगा और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दोरदोराचल पड़ा उस ड्राईवर की चिंता किसिकों  नहीं हुई जो अपनी ड्यूटि निभा रहा था ड्यूटि के दौरानजो कानून एमपी मे  उससे मारपीट हुई और उसकी मृत्यु हो गयी उसे कोई मुआवजा नहीं घोषित हुआ । आखिर रेल्वे डेफ़ेंसिवेहो कर क्यों बोल रही है ऐसी ही एक घटना भोपाल मे लालू के समय मे हुई थी और लालू ने मुआवजा देने से इंकार कर दिया था  तब आज लालू दूसरी बोली कैसे बोल रहे थे ?एमपी का नागरिक और बिहार के नागरिक मे अंतर कैसे आया । एक तरफ रु डॉलर के मुक़ाबले चौसट का हो गया खाना पीना यात्रा बीमारी सब इतना महंगा हो गया और सब लोगो को वोट की पड़ी है कभी टमाटर बेचे गए थे आज प्याज बेचने मे लगे है अरे सरकार का काम जिंसों की कीमत तय करना रोक लगाना है की बेचने निकाल पड़ना है ।
     मनरेगा मिड दे मील मे पैसा लूटा के जी नहीं भरा अब फूड सेक्युर्टी बिल ला रही है । काम पहले शुरू हो जाता करना कैसे है किसके लिए उसकी चिंता नहीं है । दूर दर्शन  24 घंटे प्रशारन कर रहा है किसीशहर मे दिख भी रहा
है गांवों मे बिजली नहीं और कोई सेट टॉप बॉक्स लोकल डीडी चैनल दिखाता नहीं है चाहे टाटा एयर तेल आदि हो या साधारण सेट टॉप बॉक्स केवल नेशनल और डी डी न्यूज़ और स्पोर्ट्स दिखाते है डी डी का लोकल चैनल कोई भी नहीं दिखाता और अंतिना अब डी डी चैनल नहीं पकड़ता फिर इस चुनावी कवायद को देख कौन रहा है ?

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