आज एक समाचार चैनल पर मुंबई की बार डांसरो की बहाली पर आए सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर चर्चा थी । संचालक के अलावा सभी वक्ता औरते ही थी यानि एक बार फिर से औरत के खिलाफ औरत को करने मे समाज फिर से कामयाब हो गया । महाराष्ट्र सरकार ने अदालत का निर्णय मानने से इंकार कर दिया है। सभी औरतों का मानना था किबार डांसर कि वजह से घर टूटते हैं मानो बार डांसर नहीं होंगी तो घर बिनानीसीमेंट के मजबूत जोड़ लग जाने वाला है । कोई भी यह नहीं बोल रहा है कि जिसे मौज मस्ती करनी है वह ठिकाने ढूंढ ही लेगा या बना ही लेगा । सच बात है कि बार डांसर कि लॉबी कोई शराब लॉबी कि भांति ताकतवर लॉबी नहीं है तो सभी राजनीतिक दल के नेता एक सुर से राजस्व आय का राग अलापने लगते । आंकड़े जुटाये जाए तो सामाजिक विघटन घर टूटने के लिए शराब और सिगरेट गुटका ज्यादा जिम्मेदार पाएँ जाएंगे न कि बार या बार डांसर । जिन लोगो को घर टूटने कि चिंता है उन्होने पता लगाया कि जिनहे बार जाने कि आदत थी वे सब संत महात्मा हो गए क्या? समाज मे इज्जतदार काम करने कि वकालत करने वाली महिला यों से पूछा जाना चाहिए कि अनपढ़ या काम पढ़ी लिखी औरतों को कौन सा इज्जतदार काम महाराष्ट्र सरकार दिलाने वाली है । जिस मुंबई क्या पूरे देश मे किसी भी महिला के लिए काम करते हुए अपनी इज्जत बचाए रखना कितना मुश्किल होता है । वहाँ अकुशल औरतें कौन सा काम करने निकल पड़ेगी ?जब तक ये औरतें अपनी मर्ज़ी से डांस करके खुश या घर चला कर संतुष्ट रहती है तब तक किसी को उनके काम को गंदा कहना या बंद करने का हक़ नहीं है जो लोग इज्जतवाला काम देने कि बात कर्टेन हैं वे बताएं कि उन्होने 8 साल मे कितनी बार बालाओं को इज्जत का काम दिलाया है सच्चाई यह है कि बार मे डांस बंद होने के बाद रेव पार्टी और देह व्यापार के अड्डे ज्यादा पकड़े गए हैं । एक महिला वक्ता ने बार बालाओं के शाम को काम पर जाने और आरामदायक जीवन जीने का ताना दिया मै पूछती हूँ कि अगर रात मे काम पर जाना गलत है तो हजारों कालसेंटर और अस्पतालो मे काम पर जाने वाली महिला यो के बारे मे ऐसे लोगो का क्या विचार है । आरामदायक जीवन जीने का हक़ हर किसी का हक़ जब तक वे किसी का हक़ न छीने ,जिसके लिए ये राजनीतिक हमेशा आरोपित किए जाते हैं और अक्सर आरोप गलत भी नहीं होता है । अगर सरकार वाकई इस कार्य को सुधारना चाहती है तो उसे कुछ नियम इन डांस बार और बार बालाओं के लिए कुछ अच्छे नियम बनाए जाएँ जिससे किसी लड़की के साथ जबर्दस्ती नहीं कि जायबार बालाओं को देह व्यापार मे न धकेला जाय ।
No comments:
Post a Comment