Monday, June 3, 2013

एक रुपये  की कीमत या माया ?

  आज कल टीवी परएक रुपए  के कमाल ज़ोरों पर है । यों शुरुआत तो ऐसे होती है कि एक रुपये मे क्या होता है ? छुट्टा नहीं है  लेकिन फिर उसी एक रुपये मे करीना का डांस दिखाने का इसरार  होता है इसरार क्या जबरन
थोप दिया  जाता है कि भई यों  तो एक रुपये कि क्या औकात कि उसे जेब मे जगह दी जाय और उपभोक्ता की
बेजा मांग किउसे  तो चिल्लर चाहिए ही चाहिए । तो ले भैये टेर्र मन हो नाहो  तुझे करीना पसंद  हो ना हो उसने  तो विडियो क्लिक कर दिया अब आपको देखना ही पड़ेगा और उसका एक रुपया पूरा हुआ तेरा तू जाने । अब भई मोबाइल बनाने वाले हर साल नई  तरह के गजेट लॉंच करते हैं लेकिन लोग मोबाइल खरीद तो लेते हैं लेकिन सिर्फ कॉल या मेसेज ही करते कभी कभार फोटो खींच ली अब एक बार कस्टमर ने मोबाइल खरीद
 लिया अब टेलिकॉम कंपनी को भी तो बिजनेस चाहिए अब टेंसन मे आदमी परेशान हो लेकिन ऑटो वाले कि मर्जी तो
करीना का डांस दिखाने का है तो उसको देखना पड़ेगा आपका पैसा वजन नापने वाली मशीन मे फंस
गया हो लेकिन आप उसे भूल ही जाएँ वरना साथी आपको बाबा जीका प्रवचन सुना डालेगा । अब आप ने वो एक रुपये का सिक्का कितनी मुश्किल से जुटाया गया हो । लेकिन यह सुविधा केवल बेचने वाले के लिए ही है खरीदार के लिए नहीं गलती से आप कभी करीना का डांस या प्रवचन ना सुनानेलगे  वर्ना आपके हाथ से थैली खीचने मे देर नहीं लगाएगा । जी हाँ अब हम बाजार मे रह रहें  हैं इसलिए शर्ते भी बाज़ार ही तय करेगा और आपको हर समय कुछ ना कुछ खरीदना ही पड़ेगा क्योंकि बाजार कि यही मर्जी है लक्स से नहाओ डव से बाल
धोवों रूपा का अंडरवियर पहनो और मेग्गी टुमिनट नूडल खावों या फिर केललोग का कोर्नफ्लक्स यही ज़िंदगी है ।बहुत पहले एक अङ्ग्रेज़ी पिक्चर  आई थी दट्रू मैनशो  अब तो कई  बार लगता है शायद हम सब भी किसी शो
के किरदार ना हों और हमे पता ही ना हो

No comments:

Post a Comment