यह क्या है ?बड़ा सवाल है की पार्टी बड़ी ?सरकार ?या फिर व्यक्ति ? देश के सामने है कल तक गुजरात मे विपक्ष पर दहाड़ते हुए युव राज को अचानक क्या हुआ की सिर्फ तीन मिनट की प्रेस कोन्फ्रेंस कर देश के सबसे बड़े राजनीतिक पद और सरकार को कटघरे मे मे खड़ा कर दिया ?सिर्फ विरोध करना अलग बात है लेकिन जिन शब्दो का इस्तेमाल कांग्रेस के भावी युवराज ने किया वो उनकी अल्पग्यता और अनुभव की कमी को साफ दर्शाता है कि वे देश को घरेलू बजट कि तरह आगे पीछे करने कि कोशिश की है । क्या हिंदुस्तान सोनिया गांधी के घर की खेती है जो कल यूरिया डालने का तय किया फिर रात मे सपना देखा कि नहीं यूरिया नहीं नत्रजन डालना चाहिए और सबेरे उठकर देश के सामने घोषणा कर दिया कि यह नहीं वह खिलौना चाहिए । देश की संसद के फैसले को नॉनसेन्स कहने को किसी को भी हक़ है ?अपने ही कैबिनेट को नॉनसेन्स कहने वाले पार्टी महासचिव की छवि के बारे मे जनता को आज क्या सोचना चाहिए ?लगता है बबुआ अब बहुत उतावले हो गए है उन्हे लगता है कि शायद अगली सरकार उनकी पार्टी की नहीं आने वाली है इसलिए उन्होने हर संभव हथकंडे अपनाने का फैसला लेना शुरू कर दिया है । चुनाव की आहट सुनकर सभी पार्टी मे पाक साफ दिखने की होड लग जाती है यही हथकंडा सपा के नेता अखिलेश ने माफिया के रूप प्रसिद्ध डीपी यादव को पार्टी आ सदस्य बनाने का विरोध किया था और फिर सरकार बनते ही सबसे पहले जेल मे निरूद्ध बाहुबली
को जेल से निकाल कर मंत्री बनाया गया । यानी रात गए कुछ और बात और रात चढ़े कुछ और है बात है । पार्टी को देश की संसद और कैबिनेट की ज़िम्मेदारी और उसके सम्मान की चिंता नहीं है बस उनके सामने चुनाव जीतना ही एकमात्र लक्ष्य है उसके लिए कुछ भी किया जा सकता है ।
को जेल से निकाल कर मंत्री बनाया गया । यानी रात गए कुछ और बात और रात चढ़े कुछ और है बात है । पार्टी को देश की संसद और कैबिनेट की ज़िम्मेदारी और उसके सम्मान की चिंता नहीं है बस उनके सामने चुनाव जीतना ही एकमात्र लक्ष्य है उसके लिए कुछ भी किया जा सकता है ।
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